त्रीलोक - एक अद्धभुत गाथा - 5

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त्रीलोक - एक अद्धभुत गाथा (उपन्यास)5नंदनी अपना दरवाजा लक करके खाना खाने के लिए दीपिका के साथ होटल की एक हॉल की तरफ चलती है। हॉल के अंदर कई सारे टेबल और चेयर थे जिनकी डिज़ाइन भी बहत एंटीक थी। वहा की माहौल राजा महाराजा की साही दावत जैसी थी। हॉल के सीलिंग मे शेर का बड़ा सा डिज़ाइन बनाया हुआ था। दीपिका नंदनी को एक टेबल पे लेचलती है जहा पर पेहेले से ही सब पोहोचगये थे। सब लोग डिनर करने लगते है पर नंदनी को कुछ कमी महसूस होती है। नंदनी इधर उधर देखती है और उसे ये पता