लिव इन लॉकडाउन और पड़ोसी आत्मा - 4

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लीव इन लॉकडाउन और पड़ोसी आत्मा जितेन्द्र शिवहरे (4) टीना! यह नहीं हो सकता। वो मर चूकी है। मेरा विश्वास करो। धरम ने टीना को समझाने का प्रयास किया। मगर टीना थी की मानने को तैयार ही नहीं हो रही थी। टीना ने धरम को बताया की आज रात वह फिर से उसके सपने में आयेगी। क्योंकी निवेदिता ने उससे कहा है कि इस बार वह टीना की जान लेकर रहेगी। धरम टीना को अपने हृदय से लगाये हुये था। वह उसे पीठ पर हाथों से सहला रहा था। टीना अब कुछ शांत हो थी। धीरे-धीरे वह पुनः नींद के