पतिदेव का हलुआ प्रेम

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शादी के बाद आज ममता की पहली रसोई थी। वैसे तो ममता खाना बनाने में माहिर थी, लेकिन ससुराल में पहली बार खाना बनाते हुए उसे भी बहुत डर लग रहा था कि कहीं खाने में स्वाद ऊपर नीचे हो गया तो ससुराल वालों पर क्या प्रभाव पड़ेगा। इसी उहपोह से गुजरते हुए उसने बहुत ही ध्यान से खाना बनाया।बहुत ही प्यार व सलीके से उसने सबको खाना परोस दिया। उसकी सास ने कहा "बहू तुम भी हमारे साथ ही बैठो।""नहीं मांजी जी, मैं बाद में खा लूंगी!""क्यों भला! तुम कब से काम में लगी हो। हम खाना खाएंगे और