अन्तिम इच्छा

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अन्तिम इच्छा गुडविन मसीह सत्तर की आयु पार करते ही देवधर के शरीर ने साथ देना छोड़ दिया। दमे की शिकायत तो उन्हें काफी समय पहले से थी। सर्दी के दिनों में जब उनकी सांस उखड़ जाती तो खांसते-खांसते वह बेदम हो जाते। कई-कई रातें उनकी खांसी की भेंट चढ़ जातीं, मगर दमे से उन्होंने कभी हार नहीं मानी, न कभी अपनी इस बीमारी से टूटे। वह टूटे तो तब भी नहीं थे, ्रजब पाँच साल पहले अचानक हृदय गति रुक जाने से उनकी पत्नी उन्हें हमेशा के लिए अकेला छोड़कर संसार से चली गयीं थीं। दुःख की उस घड़ी