हीरों का हार

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हीरों का हार श्रीमती अरुणा पॉल समझदार महिला हैं। न केवल अक्ल में बल्कि शक्ल में और उसके भरपूर रखरखाव में भी। वे हर बात पर गंभीरतापूर्वक विचार करतीं। नतीजन, अपने छोटे से शोभित मुख से उसे जोड़कर उतनी ही विलक्षण हँसी को मेकअप के साथ एडजस्ट करती हुई मीठा—मीठा बोलतीं। उनको यह कमाल हासिल है कि नृशंसता और क्रूरता की भयावह घटनाओं पर भी वह इत्मीनान के साथ, मधुरता से बतिया लेतीं और चहुँ—ओर वाहवाही की मंगल—ध्वनियों के मध्य यह अचरज सुना—पढ़ा जाता कि उन्होंने अपने विचार दृढ़तापूर्वक, दुःखपूर्वक, मंद—मंद मुस्करा कर प्रस्तुत किये। श्रीमती पॉल हमेषा कहतीं कि