जिंदगी मेरे घर आना - 22

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जिंदगी मेरे घर आना भाग- २२ शरद उसे देखते ही एकदम अटेंशन की मुद्रा में खड़ा हो गया और झुक कर फूल आगे बढ़ा दिए.विमूढ़ सी नेहा ने फूल थाम लिए पर कुछ बोल ही नहीं पाई. थैंक्स भी शायद होठों में ही रह गया. नेहा ने शरद को बैठने का इशारा किया...पर शरद तब तक नहीं बैठा, जब तक नेहा नहीं बैठ गई....ये आर्मी के एटिकेट्स. अभी शरद यूनिफ़ॉर्म में नहीं था और टी शर्ट जींस में एक दुबले-पतले लडके सा लग रहा था. उम्र जैसे उसे छू कर भी नहीं गई थी. नेहा थोड़ी सी कॉन्शस हो गई.