आह कोरोना वाह कोरोना .... ( व्यंग्य )

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आह कोरोना वाह कोरोना .... ( व्यंग्य ) पिछले कुछ महीनों मैं जो हुआ वह " न भूतो ना भविष्यति " का बेहतरीन उदाहरण है । हमारे देश में आज रात बारह बजे वाली घोषणा का सबको बेसब्री से इंतजार रहता है। घोषणा हुई एक धमाके के साथ पूरा देश लॉकडाउन में चला गया याने अघोषित कर्फ्यू । हमारे बचपन में शहर में कर्फ्यू लगा था । गांव के लोग बैलगाड़ी से आने लगे थे शहर में कर्फ्यू सर्कस लगा है सोच कर, जिसे वे देखना चाहते थे । इस बार वे भी जान गए की