आजादी - 10

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” लेकिन भाई ! वह मोटर तो बहुत बड़ा होगा न ? फिर हम लोग उसको कैसे उठा पाएंगे ? ” सोहन ने अपनी शंका व्यक्त की थी ।विजय ने उसकी तरफ देखा और धीरे से उसके सर पर एक चपत लगाते हुए बोला ” अरे पागल ! तूझे मुझ पर भरोसा है कि नहीं ? मैं जो भी प्लान बनाता हूँ सब सोच समझ कर और हर पहलु पर गौर करके योजना बनाता हूँ । अब तुमने पूछ ही लिया है तो बता दूँ कि तुम ये भूल गए हो कि अब हम तीन के बदले चार हो गए