मुकम्मल मोहब्बत - 20

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मुकम्मल मोहब्बत -20 प्यार करो तो इजहार भी जरूरी है. इजहार ही है जो प्यार को मुकम्मल जहां देता है. जहां एक निश्चित दिशा होती है. एक निश्चित मंजिल होती है. हम ताउम्र एकदूसरे के साथ रह सकते हैं. मुझे भी ऐनी से अपने प्यार का इजहार करना चाहिए. यह ठीक है ऐनी भी मुझे उतना ही प्यार करती है, जितना मैं उसे करता हूँ. लेकिन, न उसने खुलकर अपना प्यार जताया कभी और न ही मैंने कभी अपने प्यार का इजहार किया. कभी मौका ही नहीं मिला. मेरा और ऐनी का अधिकांश समय पढ़ाई और कैरियर की बातों