करवा चौथ

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‘नाम बताओ।’‘जी, राम रूप शाह।’‘उम्र क्या है?’‘चालीस साल।’‘पहले क्या करते थे?’‘जी, फौज में था।’कंवल सिक्यरिटीज की रिसेप्सनिस्ट रीना ने सिर उठाकर उसे फिर से ध्यान से देखा, कुछ-कुछ नजरों से तोलने के भाव से ऊंचा कद, दुबली काया, हलकी मूंछे, जो सेना में जवान रह चुके व्यक्ति से तो नहीं ही मेल खाती थीं। चेहरा चालीस के पेठे में पहुंचते ही बूढ़ा-सा दिखने लगा था। कपड़े ठीक-ठाक थे, पर प्रेस न होने के कारण असर छोड़ने में असमर्थ थे। ‘यह भला का सिक्योरिटी गार्ड का काम करेगा?’, सोचते हुए रीना ने सिर झटका ,पर फिर उसे अपने ब्यायफें्रड राकेश की