असत्यम्। अशिवम्।। असुन्दरम्।।। - 20

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20 चारों बच्चों की उपस्थिति बाबू ने पूरी की । डीन एकेडेमिक ने स्वीकार की । बच्चें परीक्षा में बैढे । विश्वविधालय में नये सत्र की ष्शुरूआत थी । छात्र चुनाव चाहते थे । प्रशासन सर्वसम्मत्ति से मेधावी छात्र को अध्यक्ष बनाना चाहता था कि रेगिंग के एक मामले में उक्त चारों होनहार छात्रों को पुलिस ढूढने आ पहुॅची । ईमानदारी की पुलिसिया परिभापा भी कुछ काम नहीं आई क्यांेकि मामला एक कन्या की रेगिंग से सम्बधित था । हुआ यो कि माधुरी विश्वविधालय जो कभी टीन-टप्पर की छोटी सी थड़ी हुआ करती थी,अब एक आलीशान सौ एकड ़का परिसर