असत्यम्। अशिवम्।। असुन्दरम्।।। - 23

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23 शुक्ला जी के पुत्र के असामयिक निधन के बाद श्री मती ष्शुक्ला ने सब छोड़ छाड़ दिया था । वे एक लम्बी यात्रा पर निकलना चाहती थी, उन्होने एक टेवल एजेन्ट के माध्यम से अपनी यात्रा का प्रारूप हिमालय की तरफ का बनाया । सौभाग्य से टेवल एजेन्ट ने एक अच्छी मिनी बस से यह यात्रा एक महिला समूह के साथ तय कर दी । बस में कुल दस महिलाएॅं थी । बाकी स्टाफ आदि थे । इस यात्रा में श्री मती ष्शुक्ला ने अपनी इच्छाओं पर पुनर्विचार किया । उसे एक पूर्व में पढ़ी पुस्तक भी याद आई,