मानस के राम (रामकथा) - 42

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‌ मानस के राम भाग 42रावण का रथहीन होनाजांबवंत ने सलाह दी थी कि रावण का सामना करने राम स्वयं जाएं। राम जब पहुँचे तब हनुमान रावण के साथ भिड़ रहे थे। हनुमान को देखकर रावण ने उन्हें अपनी गदा के वार से भूमि पर गिरा दिया। हनुमान 'जय श्रीराम' का नारा लगाकर उठकर खड़े हो गए। उन्होंने अपनी मुष्टिका से रावण के वक्ष पर प्रहार किया। उनके प्रहार से रावण डगमगा गया। फिर स्वयं को