नीला आसमान खो गया

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कहानी नीला आसमान खो गया. . बलदेव राज भारतीय (1)"क्या तुम पिछले वर्ष गर्मियों के पश्चात पहली बौछार को भूल सकती हो?" चातक ने अपनी चातकी से पूछा।"कैसे भूल सकती हूँ? भयंकर गर्मी के पश्चात प्यास से व्याकुल हो समस्त चातक समुदाय घनश्याम की बाट जोह रहा था। हमारा पुत्र हमारे कठोर व्रत का पालन करने में ईश्वर से शीघ्र वर्षा की प्रार्थना कर रहा था। काले काले बादल उमड़-घुमड़ कर आते और बिन बरसे ही चले जाते। हमारा अबोध बच्चा अपने कमजोर कोमल पंखों से इन काले काले बादलों का पीछा करता। परंतु निर्मोही बादल बरसने का नाम न लेते। हमने कैसे