तोड़ के बंधन - 4

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4 आजकल निधि का समय आईने के सामने कुछ ज्यादा ही गुजरने लगा है. कभी अलग-अलग स्टाइल से बाल बनाये जाते, कभी मुँह की अजीबोगरीब भाव-भंगिमाएं बनाई-बिगाड़ी जाती... कभी कपड़े पहन-पहन कर कई बार उतारे जाते तो कभी चेहरे पर तरह-तरह के लेप लगाये जाते. उम्र के इस दौर की नजाकत को मिताली बहुत अच्छी तरह से समझती थी. माँ थी ना! वह जानती थी कि निधि को इस समय उसके भावनात्मक साथ की बहुत जरुरत है लेकिन इस तथ्य से भी किसे इनकार था कि जीने के लिए पैसा और पैसे के लिए नौकरी बहुत जरुरी है. बेशक मिताली