सुंदरा और नारली पूर्णिमा

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सिंधुदुर्ग जिले में समुद्र किनारे बसे एक छोटे से गांव ओटव में मल्हारी और मैनावती नामक युवक और युवती रहते थे। वे दोनों कोली समाज से थे। कोली अर्थात मछुआरे। मत्स्य व्यवसाय उनका खानदानी पेशा था तथा उनका परिवार भी कोलीवाड़ा ( मछुआरों की बस्ती) में रहता था। समुद्री लहरों से खेलना और अपनी मौज-मस्ती में रहना कोलियों की जीवन शैली का बड़ा पुराना अंदाज रहा है। मल्हारी और मैनावती भी बचपन से ही लहरों के साथ खेलते हुए बड़े हुए थे। उनके घर दूर थे, बावजूद इसके अपना अधिकांश समय वे साथ-साथ गुजारते थे । कोलीवाड़ा में जब भी