मानस के राम (रामकथा) - 52

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‌ मानस के राम भाग 52युद्ध समापन से पूर्व की रात्रिदोनों ही सेनाएं अपने अपने शिविरों में लौट गई थीं। आज युद्ध में दोनों ही पक्षों को बहुत क्षति हुई थी। कई योद्धा घायल थे। जिनका उपचार किया जा रहा था।लक्ष्मण राम के घावों पर औषधि का लेप कर रहे थे। पर राम के घावों को देखकर उनका ह्रदय द्रवित हो रहा था। वह इस युद्ध के लिए स्वयं को दोष दे रहे थे। उनका मानना