ठंडे जी का स्टार्टअप

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अब साल पूरा होने में केवल दो ही दिन बचे थे। न - न ...आज कोई उनतीस दिसंबर नहीं था। आज तो अठारह दिसंबर ही था। लेकिन आप सोच रहे हैं न कि फ़िर साल ख़त्म होने में बस दो ही दिन कैसे बचे? अभी तो पूरे तेरह दिन बाक़ी थे। बात दरअसल ये है कि हम पूरी दुनिया के कलेंडर का साल ख़त्म होने की बात नहीं कर रहे। हम तो केवल मिस्टर ठंडे के रिटायर होने के बाद एक साल ख़त्म होने की बात कर रहे हैं। वो पिछले साल बीस दिसंबर को अपने कॉलेज से रिटायर हुए