एकलव्य 10

  • 6k
  • 1
  • 1.9k

10 शिवरात्रि का पर्व और एकलव्य पड़ोसी के सुख दुख जानने की प्रवृति मानव की प्रारम्भ से ही रही है। धीरे धीरे राजनीति में निहित स्वार्थों के कारण पड़ोसी के प्रत्येक कार्यकलाप में हम अपना प्रतिबिम्ब देखने लगे। राजाओं के गुप्तचर की व्यवस्था का जन्म इसी सन्दर्भ में हुआ होगा। हस्तिनापुर में लोग हमारे बारे में क्या कहते हैं ? यह विचार करके निषादराज ने अपना एक गुप्तचर हस्तिनापुर की गतिविधियों को जानने के लिये रखा था। हां उन्हे पांचाल नरेश के यहां गुप्तचर रखने की आवश्यकता नहीं हुई। क्यों कि वहां की बातें तो उन्हे नाविकों से ज्ञात