हमारे घर छापा

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हमारे घर छापा एक दिन अचानक ही मेरे मोहल्ले में हड़कम्प मच गई । पुलिस के एक बड़े से दस्ते का एक बड़ा सा फौज-फाटा हमारे मोहल्ले में दाखिल हुआ । हमें लगा , पड़ोस के वर्मा जी के घर आज छापा पड़ा । वर्मा जी कहने को तो सरकारी मुलाजिम है वो भी तीसरी श्रेणी के मगर उनके ठाट-बाट से पूरा महोल्ला ही जलता है । हमारे महोल्ले में बस एक वो ही है जिन्हे किसी छापे का ड़र हो सकता है । हम जैसे लोग तो सपने में भी छापे की कल्पना नहीं कर