कुछ चित्र मन के कैनवास से - 1

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1-कुछ चित्र मन के कैनवास से नभचर जलथर की तरह थलचर के अनेकानेक प्राणियों में से एक मनुष्य भी एक यायावर प्राणी है । एक जगह बैठना तो मानो उसने सीखा ही नहीं हैं। यात्राएं उसकी जिजीविषा है वह यात्राएं कर अपने थके तन-मन को संजीवनी देने की चाह के साथ जगह-जगह की संस्कृतियों को आत्मसात करने का प्रयास करते हुए अपनी मानसिक भूख को शांत करने के साथ-साथ जहां ज्ञान वृद्धि करने का प्रयत्न करता है वहीं कूपमंडूकता से छुटकारा भी पाना चाहता है । बौद्धिक क्षमता से परिपूर्ण मानव एक ही जगह कुएं के मेंढक की तरह उछल कूद करते