जूता पुराण 

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जूता पुराण आज खबरों में रोज ही जूतों की महिमा का गुणगान हो रहा है । जहाॅ देखिए वहीं निर्भीक भाव से जूते चलाए जा रहे है । जूते खाने वाले अक्सर ही ऐसे लोग होते है जो जहाॅं है वहाॅं तक पहुॅंचने के लिए उन्होनें कई जोड़ी चप्पलें घिसी है । उन्होनें जनता की चरण पादुकाएॅं भी देखी है । उन्होनें अनेकों बार जूते चुराए भी है। देखा जाए तो जूतों का उनके जीवन में महत्वपूर्ण योगदान है। मारने वाले अभी अभी जूते चुराना सीख रहे है । जूते हमारे समाज