त्याग

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बात कुछ दशक पुरानी है। जब नौकरी की तलाश में इलाहाबाद जाने वाला हर छात्र , यह मानता था कि वह कलेक्टर जरूर बनेगा और धर्मवीर भारती के गुनाहों के देवता की कर्म भूमि पर, उसे भी कोई लड़की , दोस्त बनकर जरूर मिलेगी , केयर करेगी , प्यार भी करेगी क्योकि उस समय तक कदाचित , जस्ट फ्रेंड , हाफ गर्लफ्रैंड और गर्ल फ्रेंड का प्रचलन नही था , जैसे आज है। राकेश उन हज़ारो छात्रों में से एक था , जो इलाहाबाद में कलेक्टर बनने आया था । उसकी पृष्ठभूमि भी उन हज़ारो लोगो की तरह थी जिनके