सफर एक रात का

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लेखक का नाम- डॉ मोहम्मद सादिक मैं सागर से आष्टा की ओर जाने के लिए अपने घर से निकला..... और स्टेशन की ओर बढ़ा! मुझे सागर रेलवे स्टेशन से शाम वाली पैसेंजर ट्रेन से भोपाल की ओर जाना था। 5:00 बजे सागर से बीना की ओर जाने वाली ट्रेन निर्धारित समय पर आ गई और में उस पर सवार होकर बीना की ओर बढ़ा। मेरे मन में अपने गंतव्य स्थान पर पहुंचने की उत्सुकता थी, लेकिन रेलगाड़ी सभी छोटे-छोटे स्टेशनों पर रुकती हुई जा रही थी ? और क्यों ना रुके ...आखिर उन छोटे-छोटे गांव देहातों के लोग भी तो इसमें बैठे हैं ।