विश्वासघात--(सीजन-२)-भाग(१६)

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करन भइया! हमने सोचा था कि आप दोनों को कुछ देर अकेले छोड़ दे तो आप लोंग दूसरे से अपने दिल का हाल बयां कर लें लेकिन आपलोंग तो आपस में अपनी अपनी रसोई बयां करने लगें,सुरेखा हँसते हुए बोली।। ऐसा कुछ नहीं था सुरेखा,शर्मिला बोली।। हाँ...हाँ...अब छुपाने से कोई फायदा नहीं,हमें सब पता चल गया है,सुरेखा बोली।। लाज दीदी! आप ही सुरेखा को कुछ क्यों नहीं समझातीं?करन बोला।। अब मैं क्या समझाऊँ? वो सही तो कह रही है,लाज बोली।। दीदी! आप भी! करन बोला।। जो दिल में है कह दो ना एकदूसरे से,लाज बोली।।