प्यार की निशानी - भाग-5

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प्यार की निशानी भाग-5 आज मंजू का पहला करवाचौथ था। उसने व्रत रखा हुआ था। समीर के ऑफिस निकलने के समय उसकी मां ने उसे हिदायत देते हुए कहा “समीर, बहू ने तेरे लिए व्रत रखा है इसलिए समय से घर आ जाना। मैं नहीं चाहती उसे तेरे इंतजार में ज्यादा देर भूखा रहना पड़े। मैं तो उस पगली को मना कर रही थी कि क्या जरूरत है उस आदमी के लिए व्रत रखने की जिसके दिल में तेरे लिए कोई जगह ही नहीं। अपने पत्नी धर्म का वास्ता दें, उसने मुझे चुप करा दिया। तू भी थोड़ी मेरी इज्जत