टापुओं पर पिकनिक - 50

  • 4.6k
  • 1.8k

दोनों का ही हाल एक सा हो गया था। आर्यन और आगोश दोनों अब परदेसी हो गए थे। लेकिन दोस्ती की महक अभी सूखी नहीं थी। जब भी यहां आते, सब दोस्तों का जमावड़ा ज़रूर होता। अब तो उन्हें मेहमान जान कर मधुरिमा और मनप्रीत भी मिलने का समय ज़रूर निकालतीं। जब और जहां, जैसा भी प्रोग्राम बनता वो दोनों भी पूरी कोशिश करतीं थीं उसमें शरीक होने की। एक बात ज़रूर थी। आर्यन और मधुरिमा के निकट आने की बात कभी आर्यन की ओर से ही शुरू हुई थी। आर्यन ने ही उसकी तरफ़ कदम बढ़ाए थे। पर अब