कर्तव्य - 3

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कर्तव्य (3) मॉं रसोई में कुछ बना रहीं थीं , बहुत अच्छी ख़ुशबू आ रही थी; हम और भैया रसोई में गये तो देखा मॉं मिसरानी चाची के साथ पकवान और भोजन बनाने में लगीं थीं । मैंने मॉं से पूछा— मॉं खाना तो सुबह बन गया हम सबने खा लिया , अब आप किसके लिए खाना बना रहीं है? मॉं तो अपने काम में लगीं थीं । मिसरानी चाची ने हमें बताया— आज कुछ मेहमानों के लिए नाश्ता बन रहा है । जब भी मॉं