टापुओं पर पिकनिक - 67

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उस दिन मनप्रीत और मधुरिमा लगभग सवा घंटे तक फ़ोन पर बात करती रहीं। पता ही नहीं चला कि इतना वक्त कैसे निकल गया। बातें ही जो इतनी थीं बताने को। ओह, समय भी कैसे बदल जाता है। देखते- देखते उम्र फासले तय करती चली जाती है और वो सब होता चला जाता है जो किसी ने कभी सोचा तक न था। मधुरिमा को ये जानकर बहुत मीठा सा अचंभा हुआ कि उसकी सहेली मनप्रीत अब अपना धर्म परिवर्तन कर के आयशा बन गई। ये मीठा सा अचंभा क्या होता है? मीठा अचंभा वो होता है जिसके लिए दिल कहता