अनुभव अपने-अपने

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विवाह के चार माह पश्चात अनिका दौज पर मायके आई थी।छोटी बुआ यामिनी को देखकर अनिका खुशी से बुआ के गले से लिपट गई।छोटी बुआ से उसकी हमेशा से खूब पटरी खाती थी, बुआ कम मित्रता का रिश्ता अधिक था उनके मध्य।उसी शहर में फूफाजी का बिजनेस था।मायके की सबसे छोटी बेटी यामिनी ससुराल में पाँच बड़ी नन्दों एवं एक छोटी नन्द के मध्य भरे-पूरे परिवार की बहू थीं।बड़ी बुआ कामिनी भी आई हुईं थीं, वे मां के साथ किचन में उनकी मदद कराते हुए गप्पें मार रही थीं।अनिका की आवाज सुनकर माँ तथा बड़ी बुआ ने भी बाहर आकर