टेढी पगडंडियाँ - 22

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टेढी पगडंडियाँ 22 निरंजन जो कङियल जवान था । निरंजन जो यारों का यार था । निरंजन जो साहसी और धाकङ था । निरंजन जो चलता तो धरती हिलती । बोलता तो आसमान लरजता था । निरंजन जब सजधज के निकलता तो लोग अश अश कर उठते थे । हर जगह जिसके चर्चे थे , उस निरंजन का ऐसा अंत होगा , किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था । हवेली मातम में डूब गयी थी । जो सुनता , हवेली की ओर चल देता । अवतार सिंह एक ही दिन में ऐसा हो गया था