टेढी पगडंडियाँ - 23

  • 5k
  • 1
  • 2.2k

टेढी पगडंडियाँ 23 बसंत, इक्कीस साल का गबरु जवान इस समय छोटे बच्चे की तरह लगातार ऊँचे स्वर में रोये चला जा रहा था । घबराई हुई किरण को समझ नहीं आया कि वह बसंत को कैसे चुप कराये । वह बार बार पूछे जा रही थी – क्या हुआ , कुछ बताओ तो सही । तुम लोग घेर लावारिस छोङकर कहाँ चले गये थे ? देसराज कहाँ है ? रो क्यों रहे हो ? बोलो तो सही कुछ ? बोल क्यों नहीं रहे हो पर बसंत किसी बात का कोई जवाब दे ही नहीं रहा था