स्त्री.... - (भाग-2)

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स्त्री.........(भाग-2)हमारी कक्षाएँ बहुत अच्छी चल रही थी। इस बार रामलीला में मुझे सीता नहीं बनाया गया। मुझे बहुत बुरा लग रहा था। फिर माँ ने बताया कि अब मैं सयानी हो गयी हूँ, इसीलिए पिताजी ने ही मना किया है....छोटी लड़कियाँ ही सीता बनती हैं, माहवारी शुरू होना मतलब स्त्री की श्रेणी में मैं आ गयी हूँ, माँ ने मुझे समझाते हुए कहा.........मेरे मन में बहुत सवाल थे पर माँ के गुस्से को भी मैं जानती थी फिर भी हिम्मत करके बोल ही दिया की माँ सीता माता भी तो स्त्री ही थीं......माँ ने कहा," हाँ मुझे पता है, पर