स्त्री.... - (भाग-25)

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स्त्री.........(भाग-25)दुनिया की हर औरत माँ बनना चाहती है, उस रात दिल अलग अलग कल्पनाओं को शक्ल देता रहा, पर कोई भी साफ तस्वीर नहीं बना पाया। रात बीत गयी और नयी सुबह हो गयी। ऊपर घर और नीचे वर्कशॉप के होने से बहुत कुछ आसान हो गया था मेरे लिए....। धागे और बाकी सलमा सितारे,दबका, ज़रकन, मोती और कुंदन जैसा बहुत सारा सामान लाना होता था, इसके साथ ही साड़ियो और दुपट्टों का कपड़ा अपने सैंपल्स के लिए ले आते थे, कई बार जिस फैब्रिक पर बनाना होता था वो शोरूम वाले ही देते थे या फिर हमारे बनाओ गए