टेढी पगडंडियाँ - 26

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टेढी पगडंडियाँ 26 सिमरन इस बीच बेहद घबराई पङी थी । उसे हरपल गुरनैब की सलामती की फिक्र रहती । कहीं गुरनैब को कुछ हो न जाये । निरंजन जैसे कद्दावर जट्ट की अन्यायी मौत उसकी आँखों के सामने नाचती रहती । एक एक मिनट गिन कर उसने ये तेरह दिन निकाले थे । गुरनैब किसी काम से भी बाहर जाता तो उसका दिल डूबने लगता । जबतक वह वापिस नहीं आता , पता नहीं किस किस देवी देवते को याद करती रहती और जब लौट आता तो दिल ही दिल में सौ शगन मनाती । उसे