स्त्री.... - (भाग-27)

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स्त्री.........(भाग-27)हाँ, कामिनी दीदी मैं जानता हूँ कि इनका रिश्ता भी तुम्हारे बराबर ही था, पर अब तो नहीं है न!! तो फिर जिसकी वजह से रिश्ता था वो वजह ही खत्म हो गयी तो फिर क्या सेंस बनती है इनकी उन रिश्तों को निभाने की ? भाई क्या बात कर रहे हो? तुम ये कह रहे हो कि अब मुझे सुनील और सुमन दीदी से रिश्ता तोड़ लेना चाहिए ? मैं उन दोनों की बातें सुन रही थी और कामिनी मेरी तरफ देखने लगी कि जैसे कह रही हो कि मैं चुप क्यों हूँ। विपिन जी आपने ठीक कहा कि