बागी स्त्रियाँ - भाग दस

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कोविड 19 की अफ़रातफ़री।बाहरी दुनिया में हलचल बंद हो गई है और भीतरी दुनिया में हलचल बढ़ गई है। लोग घरों में कैद हैं। सड़कों पर सन्नाटा है। स्कूल कॉलेज,ऑफिस,दुकानें सब बंद हैं।बसें नहीं चल रही ।ट्रेन बंद है।जाने कितनों की रोजी- रोटी छीन गयी है।जाने कितनों की नौकरी चली गई है।कितने लोगों के प्रिय -जन बिछड़ गए हैं । कोई किसी से मिलता नहीं।प्रेमी -प्रेमिका,पति- पत्नी तक एक -दूसरे को छूते नहीं।सभी को अपने प्राणों का संकट है।कितने अस्पताल से घर नहीं सीधे श्मसान ले जाए गए,वह भी कफ़न की जगह प्लास्टिक में लपेटकर।कितने हिंदुओं को अंतिम अग्नि नसीब