प्यार के इन्द्रधुनष - 39 - अंतिम भाग

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- 39 - प्रायः ड्यूटी निभाकर घर आने पर जब टॉमी दुम हिलाता हुआ उसकी पिण्डुलियों से सिर रगड़ता था और वासु उसके हाथों में गर्मागर्म कॉफी का कप पकड़ाता था तो डॉ. वर्मा की सारे दिन की थकान छूमंतर हो जाती थी और वह कोई-न-कोई किताब लेकर पढ़ने बैठ जाती थी, किन्तु आज टॉमी द्वारा किया गया लाड़ और वासु द्वारा दी गई कॉफी थकान दूर करने में नाकाफ़ी रहे, क्योंकि आज थकान शारीरिक से अधिक मानसिक थी। इसीलिए डॉ. वर्मा टॉमी के लाड़ का प्रत्युत्तर न देकर बेडरूम में आकर लेट गई। टॉमी भी बेड के नज़दीक आकर