स्त्री.... - (भाग-33)

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स्त्री.......(भाग-33)सब के जाने के बाद घर समेटने में छाया भी तारा का हाथ बटाँने लगी तो तारा ने कहा नहीं, छोटी दीदी मैं कर लूँगी....आप बस आराम करो। ससुराल में काम करते ही हो अब मायके में कुछ दिन आराम करो......एक कमरे में छाया और उसके बच्चे सो गए। दूसरे कमरे में राजन और पिताजी सोए......लिविंग रूम में गद्दे बिछा कर बाकी हम तीनों सो जाँएगे सोच तारा के साथ मैं जगह बना रही थी तो तारा बोली, दीदी आप और माताजी आराम से सो जाओ, मैं नीचे वर्कशॉप में सो जाऊँगी......नहीं तारा नीचे नहीं सोना है.....तुम्हे लग रहा है