हमे तुमसे प्यार कितना... - 10 - फिर वोही

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विराज गाड़ी की पीछे सीट पर बैठ कर अपने ड्राइवर और पीछे से आ रहे उसके गार्ड्स की गाड़ियों से घिरा निकल पड़ा था अपने दादाजी (शिव राज सिसोदिया) की मेहनत से खड़ी कंपनी (एसआरएस प्राईवेट लिमिटेड) में जाने के लिए।एक ज़ोर दार झटका लगा और विराज का सिर झटके से आगे वाली सीट से टकराया और उसने अपना सिर दोनो हाथ से पकड़ लिया। सर सर आप ठीक तो हैं.....ड्राइवर ने तुरंत पलट कर कहा।हम्मम....! देखो क्या हुआ है बाहर। विराज ने तुरंत अपने आप को संभालते हुए कहा।ड्राइवर बाहर आया एक पचपन के आसपास उम्र का व्यक्ति अपनी स्कूटर