लड़की होना एक सजा है या गुनाह

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आयशा आज बहुत ही उत्सुक थी। हो भी क्यों ना आखिरकार आज वो दिन आ ही गया जिसका की आयशा को इंतजार था।आज आयशा की मां ने आयशा की पसंद का नाश्ता बनाया है और आज पिता जी भी बहुत खुश हैं। पिता जी नाश्ते पे बैठे बैठे आयशा को बुला रहे हैं जल्दी आओ बेटा वरना देर हो जायेगा।आयशा पूजा करके जल्दी जल्दी आती है और पिता जी के साथ बैठ जाती है। तभी आयशा का छोटा भाई बोलता है की क्या बात है आज तो सब बहुत ही खुश हैं और इतना टेस्टी टेस्टी खाना भी बना है।