अतीत के पन्ने - भाग 12

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आलोक शहर पहुंच कर अपने दूसरे घर में रहने गया और वहां से आलेख को फोन किया और कहा बेटा मुझे तुम्हारी चिंता है अब तो छोटी मां नहीं रही अब किस के लिए वहां रहोगे?आलेख बोला पापा मैं यहां से नहीं जा सकता हूं कुछ अधूरा काम है उसे पूरा करना है।ये सोचते हुए आलेख अपनी दुकान पर पहुंचा।किशन लाल जी अरे आलेख बेटा आओ बड़े दिनों बाद।आलेख बोला हां चाचा अब रोज आया करूंगा।किशन लाल ने कहा पर बेटा तुम्हारी छोटी मां तो चाहती थी कि तुम खुब पढ़ो लिखों।आलेख बोला हां चाचा पर अब छोटी मां तो