दोज़खी

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हुस्न तबस्सुम निहाँ रहमत के घर फिर अचानक तोड़-फोड़ शुरू हो गई थी। लोग बाग दौड़ पड़े थे और बाहर-बाहर से ही जायजा लेने की कोशिश कर रहे थे। कुछ एक शरारती बच्चे एक कुतुहल लिए भीतर के बरामदे तक रेंग गए थे। फिर खड़े घर वालों का मुँह तक रहे थे। दरअसल रहमान का बेटा आजम आज फिर उधियाया था और आज तो हद ही हो गई थी। अम्मी को जी भर पीटा था। वह एक तरफ बेसुध पड़ी थीं। बड़ी अम्मी और चचा भी अगल-बगल से दौड़ आए थे। बड़ी अम्मी गुस्से से कांप रही थीं- ‘‘मुला पूरा