जीवन का गणित - भाग-7

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भाग - 7कॉलेज में वैभव का नया सेमेस्टर स्टार्ट हो चुका था। उसके आने के अगले ही दिन आयुषी भी आ गई थी।मगर अब कॉलेज का वर्कलोड अपने चरम पर था। जिस आयुषी को एक हफ़्ते से दिन-रात मिस किया था, दुनिया-जहान भर के प्लांस बनाए थे उनके फिर मिलने पर साथ समय बिताने के, उसकी केवल मुस्कान देख कर ही दिन बीत रहे थे वैभव के। व्यस्तता के चलते उसके साथ बैठकर बात करने का मौका ही नहीं मिल पा रहा था।आयुषी की बेचैनी भी उसके चेहरे पर साफ़ नजर आती थी। वे दोनों कभी-कभी एक लैब से दूसरी