अय्याश--भाग(१७)

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सत्यकाम तो चला गया लेकिन उसकी बातों ने मोक्षदा के मन में हलचल मचा दी,मोक्षदा ने सोचा ऐसा कुछ गलत तो कहकर नहीं गया सत्यकाम,मेरे मन में यही सवाल तो उठते हैं अक्सर,जिनके जवाब मैं ढूढ़ नहीं पाती,इस दुनिया में कोई तो ऐसा है जिसके मन में भी मेरे मन की तरह ही सवाल उठते हैं,अक्सर ये समाज रीतिरिवाजों का आवरण ओढ़ाकर कैसें हमारे अन्तर्मन को ढ़क देता है,माना कि इस समाज से अलग रहकर कोई भी इन्सान नहीं रह सकता लेकिन लोगों को गलत रीतिरिवाजों की बलि क्यों चढ़ाया जाता है?बस इसलिए कि ये परम्पराएँ हमारे बुजुर्गों ने बनाईं