जीवन का गणित - भाग-11

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भाग- 11एग्ज़ाम खत्म होते ही आयुषी के चाचू उसे लेने आ गए थे। वह उसी दिन उनके साथ शादी में शामिल होने निकल गई। जाने से पहले आयुषी ने वैभव को भी कहा था कि हफ़्ते का ब्रेक मिल रहा है, वह भी चाहे तो अपनी मॉम से मिल आए। पर वैभव का अभी बागपत जाने का दिल नहीं था, सो उसने लखनऊ ही रुकने फैसला लिया। जिस पर अब उसे पछतावा हो रहा। बिना आयुषी के वैभव का दिल बिल्कुल नहीं लग रहा था लखनऊ में। मोहित का साथ भी उसे बुरी तरह पका रहा था। मन कितनी जल्दी