बंद खिड़कियाँ - 15

  • 2.3k
  • 1
  • 1.3k

अध्याय 15 "आप अच्छे हैं?" सरोजिनी ने धीमी आवाज में पूछा उसके मन में थोड़ी घबराहट हो रही थी। "ओ ! बहुत अच्छी तरह से हूँ कोई कमी नहीं, अभी मेरे दांत भी नकली नहीं है वही है" दिनकर के हंसी में 50 साल फिर से फिसल के चले गए। "रसोई में रहने पर भी लाल रंग की साड़ी अच्छी लगती है "उसके शब्द सुनाई दे रहे जैसे उसे भ्रम हुआ। दिनकर कार्तिकेय की तरफ इशारा कर "यही आपके बेटे हैं?"बोले तुरंत सरोजिनी अपने को संभाल कर मुस्कुरा दी। "हां, कार्तिकेय इसका नाम है। 'ये वे' ऐसा सम्मान देने की