दुनियां जहां

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न्यूनतम तापमान और न्यूनतम सम्मान व्यक्ति को अंदर से एक अंतर तक शीतल रखता है। हम कुछ ही दूर पर थे। अचानक एक गोला हमे स्वतः हमारी ओर आता दिखाई पड़ा। क्षण भर के बाद हम उस गोले में समाते चले गए। मुझे पता ही नही चला कि मैं कब एक ग्रह के गुच्छों में से एक ग्रह पर आ धमका जो की एक अजूबा था। मैने सतरंग नौरंग और नौरंग में वो दुनिया देखी और मेरी पैरो तले जमीन न होते हुए भी खिसक गई। मैं सकपकाया आंखे थोड़ा और खुली तो देखा आस पास कुछ ऐसे प्राणी दिखे