करोड़ों-करोड़ों बिजलियां - 5

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अध्याय 5 इंटरकॉम पर थोड़ी देर बात करके रिसीवर को वापस जगह पर रखने पर आदित्य का चेहरा पसीने से भीग गया | “मिस वैगई.........” “सर.............” “मैुझे और आपको तुरंत अकाउंट सेक्शन में जाना है....” “सर एनीथिंग रॉन्ग.....?” “आई. टी. के लोग आए है..........” वैगई के चेहरे पर एक छोटी सी मुस्कान आई| आई. टी. के लोग ही तो हैं ? आने दो......!” “क्या है वैगई........ वे हम लोगों के साथ बैठ कर चाय पीने नहीं आ रहे हैं | दे हेव कम फॉर रेड ” आदित्य के घबराने से वैगई की मुस्कान बड़ी हो गई | “साहब...........! क्या टैक्स