इश्क़ ए बिस्मिल - 21

  • 3.4k
  • 1.8k

इस चाक दिल की मरम्मत कर दो हौसला टूटने से पहले थोड़ी अज़मत कर दो। “तुम यहां क्या कर रहे हो?” ज़मान ख़ान उमैर को ढूंढते हुए अपने पुराने बंगले में आ गए थे, जो अरीज को देन मेहर में दिए गए बंगले के बिल्कुल बगल में ही था। इस बंगले को उन्होंने किराए पर दिया हुआ था लेकिन चार महीने पहले ही बंगला खाली हो गया था जिस वजह से वहां काफ़ी धूल और गर्द था। उमैर बंगले की सफ़ाई के लिए घर से ही दो नौकर ले आया था। बंगले में हो रही हलचल महसूस कर के ज़मान